कपास आयात शुल्क माफी पर किसान कांग्रेस का विरोध: "भारतीय किसानों का भविष्य खतरे में" — परमिंदर सिंह भांबा
करनाल, हरियाणा | 20 अगस्त 2025 — केंद्र सरकार द्वारा अमेरिकी कपास सहित कच्चे कपास के आयात पर शुल्क माफ करने के फैसले ने देशभर के किसानों में चिंता की लहर पैदा कर दी है। इस नीति के खिलाफ किसान कांग्रेस सोशल मीडिया हरियाणा के राज्य संयोजक परमिंदर सिंह भांबा ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।
परमिंदर सिंह भांबा ने कहा,
“यह निर्णय भारतीय कपास किसानों के भविष्य को बर्बाद कर देगा। इससे अमेरिकी कृषि उत्पादों के लिए भारत के दरवाज़े खुल जाएंगे, जो धीरे-धीरे हमारे किसानों को बाजार से बाहर कर देंगे।”
सरकार ने 19 अगस्त से 30 सितंबर तक कपास आयात पर 11% शुल्क और कृषि अवसंरचना विकास उपकर (AIDC) को अस्थायी रूप से हटाने की घोषणा की है। यह कदम अमेरिकी वस्त्र टैरिफ के जवाब में उठाया गया है, जिससे घरेलू वस्त्र उद्योग को राहत मिलने की उम्मीद है।
लेकिन किसान संगठनों का कहना है कि यह नीति केवल उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाएगी, जबकि खेतों में पसीना बहाने वाले किसानों को नुकसान होगा। भांबा ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने आयात पर नियंत्रण नहीं रखा और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी नहीं दी, तो देश के कपास उत्पादक राज्यों में संकट गहराएगा।
उन्होंने आगे कहा,
“हम व्यापार विरोधी नहीं हैं, लेकिन यह नीति असंतुलित है। सरकार को चाहिए कि वह किसानों की आवाज़ सुने और उनके हितों की
रक्षा करे।”
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