देश में किसानी को भाजपा सरकार दवारा घाटे का सौदा बना दिया गया है वः किसान जो की अन्न दाता है खुद भुकमरी की कगार तक आ पहुँचा है देश के किसी भी कोने की बात की जाए तोह् भूमिपुत्र त्राहि त्राहि कर रहा है आज अगर किसान खुद ख़ुशी करने जैसा रास्ता अपना रहा है तोह यह हमारी सर्कार की नाकामी की एक बहुत बड़ी मिसाल है माहारष्ट्र में किसान प्याज एक रूपए में २ किलो, और हरियाणा में २ -३ रूपए किलो आलू बेचने में मजबूर हुआ हुआ है जीसे उसकी लागत तोह दूर की बात है उसका फसल को मंडी तक पहुँचाने का किराया भी नहीं निकल रह गना किसान अभी तक पेमेंट की उम्मीद में बैठा हुआ है, जो की पिछली लगभग २साल से रुकी हुई है फासल बीमा योजना के नाम पर किसान के लाखो रूपए बीमा कम्पनीज को दिलवाकर उसके रिजल्ट के नाम पर बहुत बड़ा जीरो दिया है मोदी सर्कार ने पूँजीपतियो के लोन माफ़ करने वाली यह सर्कार किसान का नाम सुनते हे करजमाफी को अर्थव्यवस्था के लिए खतरा बताने लगती है ना जाने क्या वजय है की सवामी नाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू करने का वादा अभी तक पूरा नहीं हो सका येह सभी बातें आज लोकतान्त्रिक जनतादल के वरिष्ठ नेता