वरिष्ठ IAS अशोक खेमका की नोटिंग से खट्टर फंसे मुश्किल में जमानती वारंट जारी इसे आप भारत के इतिहास का सबसे बड़ा घोटाला कह सकते हैं। इस महाघोटाले में कितनी बड़ी रकम डकारी जा चुकी है, इसका अनुमान लगा पाना लगभग नामुमकिन ही है। आप अपनी सोच की रकम के आगे एक के बाद एक जीरो लगाते चले जाएं, फिर भी घोटाले की सही रकम की थाह नहीं पा सकेंगे। शर्मनाक बात यह है कि खुद को देश और प्रदेश की संपत्ति के रक्षक और सतर्क चौकीदार घोषित करने वाले लोग या तो इस घोटाले में सीधे संलिप्त हैं या फिर पूरी जानकारी होने के बावजूद इस घोटाले पर पर्दा डालने के दोषी हैं। दोनों ही परिस्थितियों में ये लोग देश के संविधान, कानून और देश की करोड़ों करोड़ जनता के विश्वास को छलने के अपराधी तो हैं ही। देश के इतिहास के इस सबसे बड़े घोटाले में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, PMO यानि प्रधानमंत्री कार्यालय, केंद्रीय परिवहन मंत्री नीतिन गड़करी, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, हरियाणा के परिवहन मंत्री कृष्ण पंवार, केंद्र व दिल्ली सरकार के दर्जन भर बड़े बड़े आईएएस अफसर, हरियाणा के ट्रांसपोर्ट विभाग के कई बड़े