संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर दिल्ली की सीमाओं पर अपनी मांगों को लेकर किसानों का आंदोलन काफी लंबे समय तक चला था, हालांकि सरकार ने तीनों कृषि कानूनों को वापस ले लिया था. एमएसपी गारंटी कानून पर कमेटी बनाने का वायदा किसानों से किया गया था. अभी तक यह कमेटी नहीं बनाई गई है, जिसको लेकर संयुक्त किसान मोर्चा सरकार से खफा नजर आ रहा है और संयुक्त किसान मोर्चा ने अपनी मांगों को पूरा करवाने के लिए सरकार को अल्टीमेटम दिया है कि अगर सरकार ने हमारी मांगे पूरी नहीं की तो 31 जुलाई को 11 बजे से लेकर 3 बजे तक देशभर के सभी नेशनल हाईवे चक्का जाम रहेंगे.संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर हरियाणा के सभी जिला मुख्यालय के बाहर किसान दो दिवसीय धरने पर बैठे हैं और सोनीपत के लघु सचिवालय के धरना स्थल पर भी किसानों ने मोर्चा संभाल लिया है. किसानों ने अपनी मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की. किसानों ने छह सूत्रीय मांग सरकार के सामने रखी है कि अगर सरकार ने हमारी इन मांगों को पूरा नहीं किया तो सरकार के खिलाफ एक बार फिर बड़ा आंदोलन लड़ा जाएगा.सोनीपत लघु सचिवालय के बाहर प्रदर्शन कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा के कार्यकर्ता सचिन व श्रद्धानंद सोलंकी ने किसान मोर्चा के आह्वान पर किसानों का यह दो दिवसीय धरना शुरु किया है. किसानों की मांग है कि सरकार एमएसपी की कानूनी गारंटी. किसान आंदोलन अग्निपथ योजना के विरोध में आंदोलन के दौरान दर्ज मुकदमा रद्द किए जाएं. इकबालपुर हरिद्वार शुगर मिल में किसानों का बकाया केंद्र सरकार जल्द से जल्द रिलीज करे. देशभर में जो टोल टैक्स सरकार ने खोल रखे हैं उनको बंद किया जाए. खेदड़ में किसानों पर दर्ज झूठे मुकदमे सरकार जल्द से जल्द रद्द करे और शहीद किसानों के परिवार को 25 लाख मुआवजा और एक सरकारी नौकरी दी जाए.कहा गया कि अग्निपथ योजना जो युवाओं को लेकर लाई गई है उसे सरकार द्वारा वापस लिया जाए. वहीं किसान नेता श्रद्धानंद सोलंकी ने कहा कि सरकार ने हमारी मांगे नहीं मानी तो 31 जुलाई को हम सभी नेशनल हाईवे चक्का जाम कर देंगे और यह चक्का जाम 11 बजे से लेकर 3 बजे तक रहेगा.
हरियाणा किसान कांग्रेस के सोशल मीडिया समन्वयक परमिंदर सिंह भांबा ने किसानों के मुद्दों पर चिंता व्यक्त की
हरियाणा किसान कांग्रेस के सोशल मीडिया समन्वयक परमिंदर सिंह भांबा ने किसानों के हितों की रक्षा के लिए सरकार से अपील की है। उन्होंने कहा कि अनाज मंडियों में किसानों की फसल का सही वजन नहीं हो रहा है, जिससे उन्हें आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। इसके अलावा, कई स्थानों पर आगजनी की घटनाओं के कारण किसानों की फसलें नष्ट हो रही हैं। परमिंदर सिंह भांबा ने सरकार से आग्रह किया कि किसानों की मेहनत का उचित मूल्य दिया जाए और उनके नुकसान का मुआवजा जल्द से जल्द प्रदान किया जाए। यह बयान उन्होंने रविवार, 20 अप्रैल को अपने निवास स्थान पर आयोजित एक बैठक के दौरान दिया। इस बैठक में पार्टी के प्रचार-प्रसार को ध्यान में रखते हुए युवा साथियों के साथ चर्चा की गई। बैठक में संजय मराठा, सतिंदर राणा, जगदीप मट्टू, नरिंदर सिविया, जोरावर सिंह, राहुल शर्मा सहित अन्य प्रमुख सदस्य उपस्थित थे। किसानों के मुद्दों को लेकर यह बैठक एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है। उम्मीद है कि सरकार इन समस्याओं पर ध्यान देगी और किसानों को राहत प्रदान करेगी।
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