Skip to main content

24 हजार पदों का परिणाम जारी करने के लिए एचएसएससी ने फिर मांगी अनुमति

 हाईकोर्ट के फैसले का हवाला, छह महीने में परिणाम जारी करने का है आदेश




.


पहले चुनाव आयोग ने नहीं दी थी परिणाम जारी करने की इजाजत
चंडीगढ़। हरियाणा विधानसभा चुनावों के चलते अटकी 24 हजार पदों की भर्ती का परिणाम जारी कराने को लेकर हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ने एक बार फिर मुख्य सचिव को पत्र लिखा है। इस बार पत्र में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश का हवाला दिया गया है, जिसमें छह माह में परिणाम जारी करने के आदेश हैं। आयोग के सचिव ने कहा है, अगर तय समय में परिणाम जारी नहीं किया तो आदेशों की अवमानना होगी और ऐसी स्थिति में माननीय उच्च न्यायालय कोई भी प्रतिकूल आदेश पारित कर सकता है। 31 मई, 2024 को हाईकोर्ट ने इस संबंध में आदेश दिए थे। ऐसे में आदेश को चार माह बीत चुके हैं।

इससे पहले भी एचएसएससी ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर परिणाम जारी करने की अनुमति मांगी थी, लेकिन आयोग ने इसकी इजाजत नहीं दी थी। अब आयोग ने मुख्य सचिव को पत्र लिखकर परिणाम जारी करने की अनुमति मांगी है। संभावना है कि मुख्य सचिव अब चुनाव आयोग को पत्र लिखकर इसमें मार्गदर्शन मांगेंगे। फिलहाल आयोग ने परिणाम तैयार कर लिए हैं और इनको आचार संहिता के चलते जारी नहीं किया गया है।

आयोग में बढ़ रही अभ्यर्थियों की भीड़
हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ने मुख्य सचिव को लिखे पत्र में इस बात का भी हवाला दिया कि ग्रुप सी की इन भर्तियों को लेकर आयोग में अभ्यर्थी लगातार आ रहे हैं। साथ ही फोन और ई-मेल से भी अभ्यर्थी परिणाम जारी कराने का दबाव बना रहे हैं। कई बार कार्यालय के बाहर इतनी भीड़ हो जाती है कि स्थिति संभालना आसान नहीं होता। गौर हो कि आयोग कार्यालय के बाहर पुलिस की ओर से बैरिकेड्स लगाए गए हैं और बाकायदा पुलिस कर्मचारी भी तैनात किए गए हैं।


आज होगी पीआरटी की लिखित परीक्षा
अंबाला, करनाल, कुरुक्षेत्र व पंचकूला में बनाए गए हैं 160 परीक्षा केंद्र
चंडीगढ़। हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग की ओर से पीआरटी (प्राइमरी टीचर) के पदों के लिए शनिवार को 45 हजार अभ्यर्थी लिखित परीक्षा देंगे। इसके लिए आयोग ने अंबाला, करनाल, पंचकूला और कुरुक्षेत्र में 160 परीक्षा केंद्र बनाए हैं।

आयोग के सदस्य भूपेंद्र सिंह चौहान ने कहा कि अंबाला में आयोग के सदस्य सुभाष चंद्र, करनाल में साधू राम जाखड़ और भूपेंद्र सिंह चौहान, कुरुक्षेत्र में कपिल अतरेजा व अमर सिंह निगरानी रखेंगे। इसके अलावा आयोग के सचिव विनय कुमार व विशेष कार्यकारी अधिकारी शंभू लिखित परीक्षा के सभी प्रबंधों की सुपरविजन करेंगे। दिव्यांग अभ्यार्थियों की सुविधा के लिए करनाल में परीक्षा केंद्र बनाया गया है। प्रवेश के समय अभ्यार्थियों की स्क्रीनिंग होगी और बायो मैट्रिक से ही उनका प्रवेश होगा। पूरी परीक्षा संचालन की वीडियोग्राफी व सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जाएगी, जिसकी मॉनिटरिंग आयोग के मुख्यालय पंचकूला के कंट्रोल रूम से भी होगी।

Comments

Popular posts from this blog

भाजपा प्रवक्ता के बयान पर बवाल — हरियाणा कांग्रेस नेता भगवंत सिंह भम्बा ने की कड़ी निंदा, कार्रवाई की मांग

  करनाल, 29 सितम्बर 2025 —  भाजपा प्रवक्ता प्रिंटू महादेव द्वारा एक टीवी बहस में राहुल गांधी को लेकर दिया गया विवादास्पद बयान, जिसमें उन्होंने कथित रूप से कहा कि “राहुल गांधी को सीने में गोली मारी जाएगी,” ने देशभर में तीव्र राजनीतिक प्रतिक्रिया को जन्म दिया है। इस बयान को लोकतंत्र के मूल्यों पर सीधा हमला माना जा रहा है।  हरियाणा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व चेयरमैन भगवंत सिंह भम्बा ने इस बयान की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि ऐसे शब्द किसी भी सभ्य समाज में स्वीकार्य नहीं हैं। उन्होंने कहा, “एक जनप्रतिनिधि को खुलेआम धमकी देना न केवल आपराधिक है, बल्कि यह लोकतंत्र की गरिमा को ठेस पहुँचाता है। इस मामले में तत्काल कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए।”  कांग्रेस महासचिव के.सी. वेणुगोपाल ने भी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर इस बयान को “ठंडे दिमाग से दी गई खतरनाक धमकी” बताया और IPC की धाराओं 503 व 506 के तहत कार्रवाई की मांग की है। राहुल गांधी को पहले से ही Z+ सुरक्षा प्राप्त है, और CRPF द्वारा उनके जीवन पर खतरे की चेतावनी पहले ही दी जा चुकी है।  इस बयान के बाद सुरक्...

चंडीगढ़ पर केंद्र का कब्ज़ा, पंजाब-हरियाणा के अधिकारों पर सीधा हमला: कांग्रेस नेता भगवंत सिंह भांबा

  चंडीगढ़/करनाल, 23 नवम्बर:   केंद्र सरकार द्वारा संसद के शीतकालीन सत्र में पेश किए जाने वाले संविधान (131वाँ संशोधन) विधेयक, 2025 को लेकर पंजाब और हरियाणा में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। इस विधेयक के तहत चंडीगढ़ को संविधान के अनुच्छेद 240 में शामिल कर सीधे राष्ट्रपति के अधीन किया जाएगा। वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व चेयरमैन भगवंत सिंह भांबा ने इस कदम को पंजाब और हरियाणा के अधिकारों पर सीधा हमला बताया है।   भांबा ने कहा कि चंडीगढ़ पंजाब की भूमि पर बसाया गया था और 1966 में हरियाणा के गठन के बाद इसे दोनों राज्यों की साझा राजधानी के रूप में रखा गया। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार का यह संशोधन पंजाब और हरियाणा की ऐतिहासिक दावेदारी को खत्म कर देगा और चंडीगढ़ को पूरी तरह केंद्र के अधीन कर देगा।   उन्होंने कहा, “यह विधेयक संघीय ढाँचे पर सीधा प्रहार है। पंजाब और हरियाणा की जनता इसे कभी स्वीकार नहीं करेगी। चंडीगढ़ हमारी पहचान और अधिकार का प्रतीक है, इसे दिल्ली की सत्ता के हवाले करना विश्वासघात है।”   भांबा ने  कहा कि कांग्रेस पार्टी इस मुद्द...

हरियाणा किसान कांग्रेस के सोशल मीडिया समन्वयक परमिंदर सिंह भांबा ने किसानों के मुद्दों पर चिंता व्यक्त की

  हरियाणा किसान कांग्रेस के सोशल मीडिया समन्वयक परमिंदर सिंह भांबा ने किसानों के हितों की रक्षा के लिए सरकार से अपील की है। उन्होंने कहा कि अनाज मंडियों में किसानों की फसल का सही वजन नहीं हो रहा है, जिससे उन्हें आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। इसके अलावा, कई स्थानों पर आगजनी की घटनाओं के कारण किसानों की फसलें नष्ट हो रही हैं।  परमिंदर सिंह भांबा ने सरकार से आग्रह किया कि किसानों की मेहनत का उचित मूल्य दिया जाए और उनके नुकसान का मुआवजा जल्द से जल्द प्रदान किया जाए। यह बयान उन्होंने रविवार, 20 अप्रैल को अपने निवास स्थान पर आयोजित एक बैठक के दौरान दिया।  इस बैठक में पार्टी के प्रचार-प्रसार को ध्यान में रखते हुए युवा साथियों के साथ चर्चा की गई। बैठक में संजय मराठा, सतिंदर राणा, जगदीप मट्टू, नरिंदर सिविया, जोरावर सिंह, राहुल शर्मा सहित अन्य प्रमुख सदस्य उपस्थित थे।  किसानों के मुद्दों को लेकर यह बैठक एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है। उम्मीद है कि सरकार इन समस्याओं पर ध्यान देगी और किसानों को राहत प्रदान करेगी।