महागठबन्धन से भाजपा की घबराहट इलेक्शन से ठीक पहले उसे नए नए शगूफे छोड़ने पर मजबूर कर रही है - भगवंत सिंह भंबा
लोकतांत्रिक जनता दल के वरिष्ट नेता एवं हरियाणा किसान मोर्चा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष भगवंत भाम्बा ने कहा कि २०१४ से अबतक भाजपा द्वारा काम करने की बजाये सिर्फ और सिर्फ पार्टी का परचार किया गया है और देश में भड़ती हुई मेहंगाई की तरफ बिलकुल भी धयान नहीं दिया गया.
देश में लोकतंत्र की बजाये राजतन्त्र की तरहा फैसले लिये गये
छोट व्यापारी को परेशान करने, और बड़े व्यापारी को फायदा पहुंचाने की पालिसी लगाईं गायी
किसान को इतना परेशान अब से पहले नहीं देखा गया
फासल बीमा के नाम पर किसान की जैब काटि गयी, और प्राइवेट कम्पनीज को इसका फायदा पहुंचाने का काम किया गया
देश से नौकरिया तो जैसे ग़ायब हो गयी,
इस मोदी सरकार में युवा बेरोज़गार होकर धरने प्रदर्शन करता रहा लेकिन सरकार के कान पर जू तक नहीं रेनगी ।
लेकिन अहंकार का नाश जरुर होता है ,यह हमारा इतिहास हमे बताता है,
सभी विपक्षी दल किसी ना किसी तरहा सरकार को उसकी नाकामयाबी पर घेरते रहे लेकिन सरकार बेपरवाह रहि .
यही देखते हुयै सभी विपक्षी दलो ने ,एक मंच पर आहने का फैसला लिया
जीस्कि क़ामयाबी गोरखपुर और फूलपुर के उपचुनाव में नज़र आयी
ओर कैराना की जीत ने मोदी सरकार की नींद उड़ाने का काम किया।
५ राज्यों में भाजपा की हार से केंद्र
सरकार अभी तक उभर नहीं पाई !
इसलिए इलेक्शन से ठीक पहले उसे नए नए शगूफे छोड़ने पर मजबूर हो रही है !
यह महागठबन्धन की आहट और जनता द्वारा उसे
अपनाये जाने की घबराहट है.
जो उनहै ऐसा करने पर मजबूर कर रही है.
देश में लोकतंत्र की बजाये राजतन्त्र की तरहा फैसले लिये गये
छोट व्यापारी को परेशान करने, और बड़े व्यापारी को फायदा पहुंचाने की पालिसी लगाईं गायी
किसान को इतना परेशान अब से पहले नहीं देखा गया
फासल बीमा के नाम पर किसान की जैब काटि गयी, और प्राइवेट कम्पनीज को इसका फायदा पहुंचाने का काम किया गया
देश से नौकरिया तो जैसे ग़ायब हो गयी,
इस मोदी सरकार में युवा बेरोज़गार होकर धरने प्रदर्शन करता रहा लेकिन सरकार के कान पर जू तक नहीं रेनगी ।
लेकिन अहंकार का नाश जरुर होता है ,यह हमारा इतिहास हमे बताता है,
सभी विपक्षी दल किसी ना किसी तरहा सरकार को उसकी नाकामयाबी पर घेरते रहे लेकिन सरकार बेपरवाह रहि .
यही देखते हुयै सभी विपक्षी दलो ने ,एक मंच पर आहने का फैसला लिया
जीस्कि क़ामयाबी गोरखपुर और फूलपुर के उपचुनाव में नज़र आयी
ओर कैराना की जीत ने मोदी सरकार की नींद उड़ाने का काम किया।
५ राज्यों में भाजपा की हार से केंद्र
सरकार अभी तक उभर नहीं पाई !
इसलिए इलेक्शन से ठीक पहले उसे नए नए शगूफे छोड़ने पर मजबूर हो रही है !
यह महागठबन्धन की आहट और जनता द्वारा उसे
अपनाये जाने की घबराहट है.
जो उनहै ऐसा करने पर मजबूर कर रही है.
उन्हों ने कहा की भाजपा भीतर से यह मान चुकी है, कि महागठबन्धन से पार पाना उसके बस की बात नहीं है!
यह १०% कोटा इस बात का सबसे बड़ा सबूत है जो भाजपा को बिलकुल उनके कार्यकाल के आखरी सत्र में याद आया , लोगो को बेफकूफ समझने की गलती
भाजपा को बहुत भारी पड़ने वाली है
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