चंडीगढ़/करनाल, 23 नवम्बर:
केंद्र सरकार द्वारा संसद के शीतकालीन सत्र में पेश किए जाने वाले संविधान (131वाँ संशोधन) विधेयक, 2025 को लेकर पंजाब और हरियाणा में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। इस विधेयक के तहत चंडीगढ़ को संविधान के अनुच्छेद 240 में शामिल कर सीधे राष्ट्रपति के अधीन किया जाएगा। वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व चेयरमैन भगवंत सिंह भांबा ने इस कदम को पंजाब और हरियाणा के अधिकारों पर सीधा हमला बताया है।
भांबा ने कहा कि चंडीगढ़ पंजाब की भूमि पर बसाया गया था और 1966 में हरियाणा के गठन के बाद इसे दोनों राज्यों की साझा राजधानी के रूप में रखा गया। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार का यह संशोधन पंजाब और हरियाणा की ऐतिहासिक दावेदारी को खत्म कर देगा और चंडीगढ़ को पूरी तरह केंद्र के अधीन कर देगा।
उन्होंने कहा, “यह विधेयक संघीय ढाँचे पर सीधा प्रहार है। पंजाब और हरियाणा की जनता इसे कभी स्वीकार नहीं करेगी। चंडीगढ़ हमारी पहचान और अधिकार का प्रतीक है, इसे दिल्ली की सत्ता के हवाले करना विश्वासघात है।”
भांबा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी इस मुद्दे पर पंजाब और हरियाणा की जनता के साथ खड़ी है और किसी भी कीमत पर इस अन्याय को स्वीकार नहीं करेगी।

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