मास्को, रायटर। रूस ने कहा है कि पश्चिमी देशों ने जिस प्रकार से रूस पर गैरकानूनी प्रतिबंध लगाए हैं, उन्हीं के कारण खाद्यान्न की आपूर्ति नहीं हो पा रही है। क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने पश्चिमी देश अविलंब गैरकानूनी प्रतिबंधों को खत्म करें जिससे रूसी जहाज यात्रा कर सकें और गेहूं व अन्य खाद्य सामग्री का निर्यात हो सके। उल्लेखनीय है कि काला सागर और यूक्रेन के बंदरगाहों पर रूसी नौसेना का कब्जा है, इसलिए यूक्रेन से भी खाद्यान्न की आपूर्ति नहीं हो पा रही है।
राष्ट्रपति पुतिन ने कहा है कि पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों ने उनका ही नुकसान किया है। रूस पर लगे प्रतिबंधों से दुनिया की आपूर्ति व्यवस्था भंग हो गई है जिसका खामियाजा पूरी दुनिया को उठाना पड़ सकता है। पुतिन ने कहा, रूस को तकनीक व्यवस्था से हटाकर पश्चिमी देश सफल नहीं हो सकते। पुतिन ने यह बात पूर्व सोवियत देशों के नेताओं से वीडियो कान्फ्रेंसिंग में यह बात कही है।
रूस है दुनिया का सबसे बड़ा गेहूं उत्पादक
इससे पहले ब्रिटेन की विदेश मंत्री लिज ट्रस ने कहा कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन खाने के बदले दुनिया से फिरौती वसूलना चाहते हैं। ट्रस ने यह बात पश्चिमी देशों के लगाए प्रतिबंधों को हटाने की रूस की शर्त पर कही है। बुधवार को खाद्यान्न को हथियार के रूप में इस्तेमाल करने की बात यूरोपीय यूनियन की प्रमुख उर्सला वान डेर लिएन ने कही थी। विदित हो कि रूस दुनिया का सबसे बड़ा गेहूं उत्पादक और निर्यातक देश है।
जलवायु परिवर्तन भी है जिम्मेदार
गौरतलब है कि जलवायु परिवर्तन के चलते बढ़ती गर्मी से भी गेहूं के उत्पादन में कमी दर्ज की जा रही है। वैज्ञानिकों के मुताबिक बढ़ती गर्मी और पानी की कमी के चलते आने वाले समय में पूरी दुनिया के सामने खाद्य सुरक्षा को लेकर बड़ी मुश्किल खड़ी हो सकती है। भारत में गेहूं का सबसे अधिक उत्पादन इंडो गैंगेटिक प्लेन (गंगा के तराई वाले इलाके) में होता है। हाल ही में हुए एक अध्ययन में पाया गया है कि बढ़ती गर्मी और पानी की कमी के चलते गेहूं की पैदावार में काफी कमी दर्ज की गई है।
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