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क्या है सुनील जाखड़ का दर्द ? इस्तीफे से हड़कंप !

 






हरियाणा चुनावों के बीच पंजाब बीजेपी अध्यक्ष सुनील जाखड़ के इस्तीफे को लेकर चंडीगढ़ से दिल्ली तक हड़कंप की स्थिति है। बीजेपी ने सुनील जाखड़ के इस्तीफे की बात को अफवाह करार दिया है लेकिन सोशल मीडिया पर सुनील जाखड़ ने इसका खंडन नहीं किया है। ऐसे में सवाल खड़ा हो रहा है कि कांग्रेस से बीजेपी में गए सुनील जाखड़ आखिर क्यों नाराज हैं? सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर उन्होंने 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनके 74वें जन्मदिन पर बधाई दी थी। इसके बाद 10 दिन बाद उनके बीजेपी अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की जानकारी सामने आने पर हड़कंप मच गया। सुनील जाखड़ के इस्तीफे को लेकर मामला ऐसे वक्त पर गरमाया है जब राज्य में पंचायत चुनाव होने हैं।

सुनील जाखड़ 19 मई, 2022 को कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए थे। इसके करीब 14 महीने बाद पार्टी ने उन्हें 4 जुलाई 2023 को पंजाब बीजेपी का अध्यक्ष नियुक्त कर दिया था। पार्टी ने यह फैसला जाखड़ की साफ छवि और सौम्य व्यवहार को देखते हुए लिया था। पंजाब विधानसभा के तीन बार सदस्य रहे जाखड़ एक बार गुरदासपुर से लोकसभा के लिए चुने जा चुके हैं। जाखड़ के इस्तीफा देने और इस्तीफा देने की पेशकश को लेकर सियासत दिल्ली तक गरमाई हुई है, लेकिन कई घंटे के बाद भी जाखड़ की तरफ से कोई सफाई नहीं आई है, हालांकि उनके सचिव ने इस्तीफे का खंडन किया है।


सुनील जाखड़ (70) पंजाब के ऐसे नेता हैं जो पहले कांग्रेस और अब बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष हैं। वह नेता विपक्ष भी रह चुके हैं। केंद्र और राज्य की राजनीति का अनुभव रखने वाले जाखड़ की नाराजगी की तीन वजहें मानी जा रही हैं। राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि जाखड़ अपनी अनदेखी से नाराज हैं। जाखड़ को उम्मीद थी पार्टी उन्हें राज्यसभा भेजेगी, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। दूसरी वजह यह बताई जा रही है कि पार्टी हाईकमान ने जिस तरह से पंजाब से रवनीत सिंह बिट्टू को मोदी कैबिनेट में रेल राज्य मंत्री बनाया गया है। उन्हें लोकसभा हारने के बाद भी राजस्थान से राज्यसभा भेजा गया था। तीसरी वजह थोड़ी पुरानी है वह अकाली दल के साथ मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ने के पक्ष में थे। बीजेपी अकेले चुनाव लड़ी। सूत्रों की मानें तो सुनील जाखड़ की अब कांग्रेस में वापसी कठिन है।

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