दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) को लेकर भ्रम की स्थिति: वैश्विक ऐप्स और भारतीय एजेंसियों के आंकड़ों में भारी अंतर
दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) को लेकर भ्रम की स्थिति: वैश्विक ऐप्स और भारतीय एजेंसियों के आंकड़ों में भारी अंतर
दिल्ली में दिवाली के बाद वायु प्रदूषण चरम पर पहुंच गया, लेकिन इसे लेकर आंकड़ों में भारी असमानता देखी गई। जहां कई अंतरराष्ट्रीय ऐप्स ने दिल्ली का AQI 2000 से भी अधिक दिखाया, वहीं भारत की केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) की वेबसाइट पर यह आंकड़ा 400 से नीचे दर्ज किया गया। विशेषज्ञों का कहना है कि यह अंतर विभिन्न गणना विधियों के कारण उत्पन्न हुआ है। वैश्विक प्लेटफॉर्म आमतौर पर रीयल-टाइम डेटा और अमेरिकी मानकों का उपयोग करते हैं, जबकि CPCB भारतीय मानकों और औसत गणना पद्धति को अपनाता है। इस विरोधाभास ने आम नागरिकों को भ्रमित कर दिया है और प्रदूषण के वास्तविक स्तर को समझना कठिन बना दिया है। विशेषज्ञों ने सुझाव दिया है कि सरकार को एकीकृत और पारदर्शी प्रणाली विकसित करनी चाहिए जिससे नागरिकों को सटीक और विश्वसनीय जानकारी मिल सके।

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