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फ्रांस में राजनीतिक संकट के बीच प्रधानमंत्री सेबास्टियन लेकोर्नू का इस्तीफा और पुनर्नियुक्ति, वैश्विक बाजारों में हलचल


पेरिस, 13 अक्टूबर 2025 — 

फ्रांस में बीते सप्ताह एक अप्रत्याशित राजनीतिक संकट ने देश की राजनीति और वैश्विक बाजारों में हलचल पैदा कर दी। प्रधानमंत्री सेबास्टियन लेकोर्नू ने अचानक अपने पद से इस्तीफा दे दिया, जिससे राजनीतिक गलियारों में अटकलों का दौर शुरू हो गया। हालांकि कुछ ही घंटों बाद उन्हें राष्ट्रपति द्वारा पुनः प्रधानमंत्री पद पर नियुक्त कर दिया गया, जिससे स्थिति कुछ हद तक स्थिर हुई। इस घटनाक्रम को लेकर विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम आंतरिक सत्ता संतुलन और गठबंधन की मजबूती के लिए उठाया गया था।


प्रधानमंत्री के इस्तीफे और पुनर्नियुक्ति की खबर के बाद फ्रांसीसी शेयर बाजारों में पहले गिरावट देखी गई, लेकिन राजनीतिक स्पष्टता आते ही बाजारों ने तेज़ी से वापसी की। निवेशकों ने इसे स्थायित्व की ओर संकेत माना और प्रमुख सूचकांक सकारात्मक दायरे में बंद हुए। इस बीच, वैश्विक स्तर पर सोने की कीमतों में ऐतिहासिक उछाल दर्ज किया गया — प्रति औंस कीमत $4,000 के पार पहुंच गई, जो अब तक की सबसे ऊंची दर मानी जा रही है।


इस मूल्यवृद्धि का सीधा लाभ ऑस्ट्रेलिया को मिला, जहां सोना अब कोयले के बाद दूसरा सबसे मूल्यवान निर्यात उत्पाद बन गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि वैश्विक अनिश्चितता, राजनीतिक अस्थिरता और मुद्रास्फीति की आशंका के चलते निवेशक सुरक्षित विकल्प के रूप में सोने की ओर रुख कर रहे हैं।


फ्रांस में राजनीतिक स्थिरता की बहाली के बावजूद यह घटनाक्रम यूरोपीय संघ की नीति, वैश्विक व्यापार और निवेश प्रवाह पर असर डाल सकता है। सेबास्टियन लेकोर्नू की पुनर्नियुक्ति को लेकर विपक्षी दलों ने सवाल उठाए हैं, जबकि सत्तारूढ़ गठबंधन ने इसे लोकतांत्रिक प्रक्रिया का हिस्सा बताया है।


यह संकट भले ही कुछ घंटों में सुलझ गया हो, लेकिन इसने यह स्पष्ट कर दिया है कि वैश्विक राजनीति में एक छोटी सी हलचल भी आर्थिक और रणनीतिक स्तर पर दूरगामी प्रभाव डाल सकती है।



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