करनाल, 13 अक्टूबर 2025 —
हरियाणा के करनाल जिले में प्रशासन ने उत्तर प्रदेश से अवैध रूप से आ रहे धान और पीडीएस चावल की आवक पर रोक लगाने के लिए सख्त कदम उठाए हैं। मंडियों में बाहरी राज्यों से हो रही अनियमित आपूर्ति ने स्थानीय किसानों के हितों को प्रभावित करना शुरू कर दिया था, जिसके चलते जिला प्रशासन ने हरियाणा-यूपी सीमा पर दो विशेष नाके स्थापित किए हैं।
इन नाकों पर कृषि विभाग और पुलिस विभाग की संयुक्त टीमें तैनात की गई हैं, जो हर आने-जाने वाले ट्रक की गहन जांच कर रही हैं। अब तक कई संदिग्ध ट्रकों को रोका गया है, जिनमें से कुछ में पीडीएस चावल और बिना बिल के धान पाया गया है। अधिकारियों ने बताया कि इन ट्रकों की जांच प्रक्रिया जारी है और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि यह कदम स्थानीय किसानों के हितों की रक्षा के लिए उठाया गया है। अवैध आवक से न केवल मंडी में कीमतें गिरती हैं, बल्कि हरियाणा सरकार की खरीद नीति भी प्रभावित होती है। इस कार्रवाई का उद्देश्य पारदर्शिता सुनिश्चित करना और मंडी व्यवस्था को मजबूत बनाना है।
कई किसान संगठनों ने प्रशासन की इस कार्रवाई का स्वागत किया है और मांग की है कि यह अभियान केवल सीमित समय तक न चले, बल्कि इसे स्थायी निगरानी प्रणाली में बदला जाए। साथ ही, मंडियों में डिजिटल ट्रैकिंग और बिल सत्यापन की व्यवस्था लागू करने की भी मांग उठी है।
प्रशासन ने संकेत दिया है कि यदि आवश्यकता पड़ी तो और भी नाके स्थापित किए जाएंगे और मंडियों में विशेष निगरानी दल तैनात किए जाएंगे। साथ ही, पीडीएस चावल की अवैध बिक्री पर रोक लगाने के लिए खाद्य आपूर्ति विभाग को भी अलर्ट किया गया है।
करनाल प्रशासन की यह पहल न केवल स्थानीय किसानों के लिए राहत की बात है, बल्कि यह मंडी व्यवस्था में सुधार की दिशा में एक ठोस कदम भी है। यदि इस अभियान को निरंतरता और पारदर्शिता के साथ आगे बढ़ाया जाए, तो यह हरियाणा के कृषि क्षेत्र में विश्वास और स्थायित्व ला सकता है।
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