दिल्ली उच्च न्यायालय ने खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) के उस निर्णय को समर्थन दिया है जिसमें "ORS" शब्द का उपयोग पेय पदार्थों के लेबल पर प्रतिबंधित किया गया है, जब तक कि वे निर्धारित चिकित्सीय मानकों को पूरा न करें। अदालत ने स्पष्ट रूप से कहा कि "ORS" एक चिकित्सीय शब्द है जिसका उपयोग केवल उन्हीं उत्पादों पर किया जाना चाहिए जो वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित और स्वास्थ्य मानकों के अनुरूप हों। न्यायालय ने यह भी कहा कि व्यावसायिक हितों की तुलना में जनस्वास्थ्य को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। यह फैसला ऐसे समय में आया है जब बाजार में कई कंपनियाँ अपने पेय उत्पादों को "ORS" के नाम से प्रचारित कर रही थीं, जिससे उपभोक्ताओं में भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो रही थी। अदालत ने FSSAI की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे मामलों में सख्त निगरानी और नियमन आवश्यक है ताकि जनता को सुरक्षित और प्रमाणिक उत्पाद उपलब्ध कराए जा सकें। यह निर्णय उपभोक्ता अधिकारों और स्वास्थ्य सुरक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

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