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तेलंगाना के जुबली हिल्स उपचुनाव में मुकाबला तेज़: 11 नवंबर को मतदान, कांग्रेस, बीजेपी और बीआरएस आमने-सामने

 

तेलंगाना के जुबली हिल्स उपचुनाव में मुकाबला तेज़: 11 नवंबर को मतदान, कांग्रेस, बीजेपी और बीआरएस आमने-सामने

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तेलंगाना की प्रतिष्ठित विधानसभा सीट जुबली हिल्स पर उपचुनाव का माहौल चरम पर है। 11 नवंबर को होने वाले इस उपचुनाव को राज्य की राजनीति में बेहद अहम माना जा रहा है, क्योंकि यह न केवल राजधानी हैदराबाद के दिल में स्थित है, बल्कि यहां का मतदाता वर्ग भी शहरी, शिक्षित और राजनीतिक रूप से जागरूक माना जाता है। इस सीट पर कांग्रेस, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के बीच त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल रहा है।

कांग्रेस ने इस बार युवा चेहरे को मैदान में उतारते हुए बदलाव और पारदर्शिता को अपना मुख्य एजेंडा बनाया है। पार्टी का दावा है कि जुबली हिल्स की जनता भ्रष्टाचार और वंशवाद से ऊब चुकी है और अब एक नई राजनीतिक सोच को अपनाना चाहती है। वहीं बीजेपी ने अपने उम्मीदवार के जरिए केंद्र सरकार की योजनाओं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता को भुनाने की कोशिश की है। पार्टी ने जुबली हिल्स को स्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर और सुरक्षा के लिहाज से विकसित करने का वादा किया है।

बीआरएस, जो पहले तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के नाम से जानी जाती थी, इस सीट पर अपनी पकड़ बनाए रखने के लिए पूरी ताकत झोंक रही है। मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव की पार्टी ने स्थानीय विकास कार्यों और क्षेत्रीय पहचान को चुनावी मुद्दा बनाया है। बीआरएस का दावा है कि जुबली हिल्स में पिछले कुछ वर्षों में जो विकास हुआ है, वह उनकी सरकार की नीतियों का परिणाम है।

चुनाव आयोग ने मतदान की सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं और संवेदनशील बूथों पर अतिरिक्त बल तैनात किया जाएगा। मतदाता सूची को अंतिम रूप दे दिया गया है और ईवीएम की जांच भी पूरी हो चुकी है। चुनाव परिणामों को लेकर राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि यह उपचुनाव राज्य की आगामी विधानसभा चुनावों की दिशा तय कर सकता है।

जुबली हिल्स उपचुनाव न केवल एक सीट का चुनाव है, बल्कि यह तेलंगाना की राजनीतिक हवा का संकेत भी देगा। अब देखना यह है कि 11 नवंबर को जनता किस पार्टी को अपना प्रतिनिधि चुनती है।

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