भारत के रत्न और आभूषण उद्योग को वैश्विक व्यापार मंदी और नए अमेरिकी शुल्कों का बड़ा झटका लगा है। अक्टूबर 2025 में इस क्षेत्र का निर्यात 31 प्रतिशत तक गिर गया, जिससे उद्योग जगत में चिंता की लहर दौड़ गई है। सबसे अधिक असर कट और पॉलिश किए गए हीरों पर पड़ा, जिनका निर्यात लगभग 27 प्रतिशत घटा। इसके अलावा सोने की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में मांग की कमजोरी ने भी इस गिरावट को और गहरा कर दिया।
विशेषज्ञों का कहना है कि अमेरिकी बाजार में लगाए गए नए शुल्कों और यूरोप में मांग की कमी के कारण भारतीय निर्यातकों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। इससे न केवल विदेशी मुद्रा आय पर असर पड़ा है, बल्कि देश के लाखों कारीगरों और छोटे उद्योगों की आजीविका भी प्रभावित हुई है।
उद्योग संगठनों ने सरकार से मांग की है कि निर्यातकों को राहत देने के लिए नीतिगत समर्थन और कर छूट दी जाए, ताकि भारत का रत्न और आभूषण क्षेत्र वैश्विक प्रतिस्पर्धा में टिक सके। यदि समय रहते ठोस कदम नहीं उठाए गए तो यह गिरावट आने वाले महीनों में और गंभीर रूप ले सकती है।

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