मुंबई में आयोजित ग्लोबल लीडरशिप समिट 2025 ने भारत को वैश्विक आर्थिक और रणनीतिक मंच पर एक निर्णायक शक्ति के रूप में प्रस्तुत किया है। इस बहुप्रतीक्षित समिट में विश्व के प्रमुख उद्योगपतियों, राष्ट्राध्यक्षों, नीति निर्माताओं और सामाजिक नेताओं ने भाग लिया, जिसमें भारत की भूमिका को एक उभरती हुई आर्थिक महाशक्ति के रूप में रेखांकित किया गया।
समिट का सबसे चर्चित क्षण तब आया जब टेस्ला और स्पेसएक्स के प्रमुख एलन मस्क ने भारत में नवाचार, हरित ऊर्जा, और डिजिटल बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में एक ट्रिलियन डॉलर के निवेश प्रस्ताव की घोषणा की। इस प्रस्ताव में इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण, सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना, और कृत्रिम बुद्धिमत्ता आधारित तकनीकों के विकास को प्राथमिकता दी गई है। मस्क ने भारत को "भविष्य की प्रयोगशाला" बताते हुए कहा कि यहाँ की युवा शक्ति और तकनीकी प्रतिभा वैश्विक परिवर्तन का नेतृत्व कर सकती है।
राजनीतिक दृष्टिकोण से भी यह समिट अत्यंत महत्वपूर्ण रहा। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की संभावित 2026 भारत यात्रा की अटकलों ने समिट को कूटनीतिक गहराई प्रदान की। सूत्रों के अनुसार, ट्रंप की यह यात्रा भारत-अमेरिका संबंधों को नई ऊँचाइयों तक ले जाने के उद्देश्य से की जा सकती है, जिसमें व्यापार, रक्षा सहयोग और वैश्विक रणनीति पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
समिट में भारत की स्टार्टअप संस्कृति, डिजिटल परिवर्तन, और वैश्विक नेतृत्व क्षमता को व्यापक सराहना मिली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उद्घाटन भाषण में भारत की "वसुधैव कुटुम्बकम्" की भावना को रेखांकित करते हुए कहा कि भारत न केवल आर्थिक विकास का केंद्र है, बल्कि वैश्विक शांति और सहयोग का भी मार्गदर्शक बन चुका है।
इस समिट ने यह स्पष्ट कर दिया कि भारत अब केवल एक उभरती अर्थव्यवस्था नहीं, बल्कि वैश्विक नीति निर्धारण में एक निर्णायक भूमिका निभाने वाला राष्ट्र बन चुका है। मुंबई की धरती पर हुए इस ऐतिहासिक आयोजन ने भारत की वैश्विक छवि को और अधिक सशक्त किया है।

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