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अमेरिका से हरियाणा के 50 से अधिक प्रवासियों की वापसी: अवैध प्रवासियों में बढ़ी चिंता, सपनों की उड़ान टूटी





चंडीगढ़/करनाल — अक्टूबर 2025 में अमेरिका से हरियाणा के 50 से अधिक प्रवासियों को जबरन देश निकाला दिए जाने की खबर ने राज्यभर में चिंता की लहर फैला दी है। ये सभी प्रवासी बिना वैध दस्तावेजों के अमेरिका में रह रहे थे और हाल ही में अमेरिकी आव्रजन विभाग द्वारा की गई सख्त कार्रवाई के तहत उन्हें हिरासत में लेकर भारत वापस भेज दिया गया।

इन प्रवासियों में अधिकांश युवा थे, जिन्होंने अमेरिका जाने के लिए भारी कीमत चुकाई थी — कई ने अपने पुश्तैनी खेत बेच दिए, कुछ ने लाखों रुपये का कर्ज लिया, और कई ने एजेंटों को मोटी रकम देकर फर्जी वीज़ा या ट्रांजिट रूट अपनाया। अब जब वे वापस लौटे हैं, तो उनके पास न नौकरी है, न घर, और न ही कर्ज चुकाने की कोई व्यवस्था।

करनाल, पानीपत, कैथल, और कुरुक्षेत्र जैसे जिलों से deport किए गए युवाओं के परिवारों में गहरा आक्रोश और निराशा है। एक पीड़ित के पिता ने बताया, “हमने 18 लाख रुपये में खेत गिरवी रखकर बेटे को भेजा था। अब वह खाली हाथ लौट आया है और एजेंट फोन नहीं उठा रहे।”

प्रवासी मामलों के विशेषज्ञों का कहना है कि अमेरिका में आव्रजन नीति सख्त होती जा रही है, और बिना वैध दस्तावेजों के रहना अब पहले से कहीं अधिक जोखिम भरा हो गया है। वहीं, हरियाणा सरकार ने इस मुद्दे पर चिंता जताते हुए कहा है कि वह केंद्र सरकार से बात कर रही है ताकि ऐसे मामलों में कानूनी सहायता और पुनर्वास की व्यवस्था की जा सके।

इस घटना ने राज्य में अवैध प्रवास के नेटवर्क, एजेंटों की भूमिका, और युवाओं के सपनों के बाज़ारीकरण पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। कई सामाजिक संगठनों ने मांग की है कि सरकार ऐसे एजेंटों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे और युवाओं को विदेश जाने से पहले सही जानकारी और मार्गदर्शन प्रदान करे।

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