📰
हरियाणा में पराली जलाने के मामलों में इस वर्ष उल्लेखनीय कमी दर्ज की गई है। राज्य सरकार और प्रशासन द्वारा चलाए गए जागरूकता अभियानों और सख्त निगरानी के परिणामस्वरूप पिछले दो महीनों में केवल 516 पराली जलाने के मामले सामने आए हैं। यह आंकड़ा पिछले कई वर्षों की तुलना में सबसे कम है और इसे किसानों के सहयोग तथा प्रशासनिक प्रयासों की बड़ी सफलता माना जा रहा है।
कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि किसानों को पराली प्रबंधन के लिए आधुनिक उपकरण उपलब्ध कराए गए हैं, साथ ही सब्सिडी योजनाओं और प्रशिक्षण कार्यक्रमों के जरिए उन्हें वैकल्पिक उपाय अपनाने के लिए प्रेरित किया गया है। इसके अलावा, जिला प्रशासन ने निगरानी टीमों का गठन कर खेतों में लगातार निरीक्षण किया, जिससे पराली जलाने की घटनाओं पर नियंत्रण पाया गया।
विशेष रूप से करनाल , पानीपत और अंबाला जिलों में किसानों ने पराली प्रबंधन के नए तरीकों को अपनाकर पर्यावरण संरक्षण में योगदान दिया है। सरकार का कहना है कि यदि इसी तरह किसानों का सहयोग मिलता रहा तो आने वाले वर्षों में पराली जलाने की समस्या पूरी तरह समाप्त की जा सकती है।

Comments
Post a Comment