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गोलपाड़ा, असम में वन भूमि से 600 परिवारों की बेदखली: पुनः शुरू हुई विध्वंस कार्रवाई से जनजीवन प्रभावित


गोलपाड़ा, असम में वन भूमि से 600 परिवारों की बेदखली: पुनः शुरू हुई विध्वंस कार्रवाई से जनजीवन प्रभावित



गोलपाड़ा, असम — राज्य सरकार द्वारा वन भूमि पर अतिक्रमण हटाने के अभियान के तहत गोलपाड़ा ज़िले में लगभग 600 परिवारों को उनके घरों से बेदखल किया जा रहा है। यह कार्रवाई एक पुनः शुरू की गई विध्वंस ड्राइव का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य वन क्षेत्र को पुनः संरक्षित करना और अवैध कब्जों को समाप्त करना बताया गया है।


प्रशासनिक अधिकारियों के अनुसार, यह अभियान गोलपाड़ा के डारंग और बलाझारा इलाकों में केंद्रित है, जहाँ वर्षों से बसे परिवारों ने झोपड़ियाँ, कच्चे मकान और खेती की भूमि विकसित कर रखी थी। स्थानीय निवासियों का कहना है कि वे दशकों से इस भूमि पर रह रहे हैं और उनके पास राशन कार्ड, आधार कार्ड तथा अन्य पहचान दस्तावेज़ भी हैं, जिससे वे खुद को वैध निवासी मानते हैं।


वहीं प्रशासन का तर्क है कि यह भूमि वन विभाग की अधिसूचित संपत्ति है, जिस पर किसी भी प्रकार का निजी कब्जा अवैध है। जिला प्रशासन ने जेसीबी मशीनों की मदद से कई घरों को गिरा दिया है और पुलिस बल की भारी तैनाती के बीच यह कार्रवाई जारी है। कुछ स्थानों पर महिलाओं और बच्चों ने विरोध प्रदर्शन भी किया, लेकिन उन्हें हटाने के लिए बल प्रयोग किया गया।


मानवाधिकार संगठनों और विपक्षी दलों ने इस कार्रवाई की आलोचना करते हुए कहा है कि सरकार को पुनर्वास की योजना पहले सुनिश्चित करनी चाहिए थी। असम सरकार ने स्पष्ट किया है कि जिनके पास वैध दस्तावेज़ नहीं हैं, उन्हें पुनर्वास का कोई अधिकार नहीं मिलेगा।


यह बेदखली अभियान असम में भूमि विवाद, जनसंख्या विस्थापन और पर्यावरण संरक्षण के बीच जटिल संतुलन को उजागर करता है। प्रभावित परिवारों की पीड़ा और प्रशासनिक सख्ती के बीच यह मुद्दा अब राष्ट्रीय बहस का विषय बनता जा रहा है।

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