नई दिल्ली, 11 नवंबर 2025 — देश को झकझोर देने वाले 2006 के निठारी सीरियल हत्याकांड में सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एक ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए मुख्य आरोपी सुरेंद्र कोली को बरी कर दिया। न्यायमूर्ति संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि कोली के खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं हैं, और यदि वह किसी अन्य मामले में वांछित नहीं है, तो उसे तुरंत रिहा किया जाए।
कोर्ट ने यह भी कहा कि निचली अदालतों द्वारा दोषसिद्धि के दौरान कई प्रक्रियात्मक खामियां और सबूतों की गलत व्याख्या हुई थी। इस फैसले के साथ ही कोली को मिली फांसी की सजा भी निरस्त कर दी गई है। गौरतलब है कि सुरेंद्र कोली को नोएडा के निठारी गांव में बच्चों के अपहरण, हत्या और यौन उत्पीड़न के आरोपों में दोषी ठहराया गया था। यह मामला उस समय सामने आया था जब एक घर के पीछे से बच्चों की हड्डियां और अवशेष बरामद हुए थे, जिससे पूरे देश में सनसनी फैल गई थी।
कोली के साथ-साथ उसके मालिक मोनिंदर सिंह पंधेर को भी कई मामलों में आरोपी बनाया गया था। हालांकि, समय के साथ कई मामलों में पंधेर को पहले ही बरी किया जा चुका है। अब सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद सुरेंद्र कोली की रिहाई का रास्ता साफ हो गया है, बशर्ते उस पर कोई अन्य लंबित मामला न हो।
मानवाधिकार संगठनों और कानूनी विशेषज्ञों ने इस फैसले को न्यायिक प्रक्रिया की पारदर्शिता और पुनर्विचार की शक्ति का उदाहरण बताया है। वहीं, पीड़ित परिवारों में इस फैसले को लेकर मिश्रित प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। कुछ ने इसे न्याय में देरी बताया है, जबकि अन्य ने न्यायपालिका के विवेक पर भरोसा जताया है।
यह फैसला भारतीय न्याय व्यवस्था में एक मील का पत्थर माना जा रहा है, जो यह दर्शाता है कि न्याय देर से भले मिले, लेकिन अंततः सत्य की जीत होती है।

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