पंजाबी यूनिवर्सिटी को लेकर पूर्व चेयरमैन भगवंत सिंह भांबा का तीखा बयान: "पंजाबियों की विरासत से खेलने की हिम्मत न करें केंद्र और राज्य सरकारें"
पंजाबी यूनिवर्सिटी को लेकर पूर्व चेयरमैन भगवंत सिंह भांबा का तीखा बयान: "पंजाबियों की विरासत से खेलने की हिम्मत न करें केंद्र और राज्य सरकारें"
करनाल , 10 नवम्बर 2025 —
पंजाबी यूनिवर्सिटी को लेकर चल रहे विवाद पर पूर्व चेयरमैन भगवंत सिंह भांबा ने छात्रों और सामाजिक कार्यकर्ताओं के समर्थन में एक तीखा और भावनात्मक बयान जारी किया है। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि केंद्र सरकार और पंजाब सरकार को पंजाबियों की भावनाओं से खेलने की हिम्मत नहीं करनी चाहिए। उन्होंने चेतावनी दी कि पंजाबी विरासत को छीनने की किसी भी कोशिश को पंजाब की जनता कभी स्वीकार नहीं करेगी। भांबा ने कहा कि पंजाब, हरियाणा या कोई भी राज्य अपनी यूनिवर्सिटियों और सांस्कृतिक धरोहरों का संरक्षक है और उन्हें अपने तरीके से इन्हें सुरक्षित रखने का पूरा अधिकार है। उन्होंने छात्रों और कार्यकर्ताओं द्वारा चलाए जा रहे आंदोलन को पूरी तरह न्यायोचित बताया और कहा कि यह केवल एक शैक्षणिक संस्थान की रक्षा नहीं, बल्कि पंजाब की आत्मा की रक्षा का संघर्ष है। उनके अनुसार, सरकारें आती-जाती रहती हैं, लेकिन विरासत स्थायी होती है। पंजाबी यूनिवर्सिटी सिर्फ एक इमारत नहीं, बल्कि हमारी भाषा, संस्कृति और इतिहास की जीवंत पहचान है। उन्होंने सभी राजनीतिक दलों, शिक्षाविदों और समाज के जागरूक नागरिकों से अपील की कि वे इस मुद्दे पर एकजुट होकर आवाज उठाएं और सुनिश्चित करें कि किसी भी सरकार को पंजाब की विरासत से खिलवाड़ करने की इजाज़त न मिले।

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