करनाल में किसानों का आंदोलन एक बार फिर तेज़ हो गया है। भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) से जुड़े किसानों ने हाल ही में धान खरीद में हुए कथित घोस्ट पड्डी घोटाले के खिलाफ ज़ोरदार प्रदर्शन किया। किसानों ने काले कपड़े पहनकर अपनी नाराज़गी जताई और मांग की कि इस पूरे मामले की जांच हाईकोर्ट के स्तर पर की जाए। उनका कहना है कि स्थानीय स्तर पर की जा रही कार्रवाई पर्याप्त नहीं है और केवल उच्च न्यायालय की निगरानी में ही सच्चाई सामने आ सकती है।
प्रदर्शन के दौरान किसानों ने प्रशासन पर आरोप लगाया कि धान की खरीद में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई है, जिससे न केवल किसानों को नुकसान हुआ बल्कि सरकारी खज़ाने को भी भारी हानि पहुँची। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगों को जल्द पूरा नहीं किया गया तो आंदोलन और व्यापक रूप ले सकता है।
इस विरोध प्रदर्शन ने करनाल में राजनीतिक और प्रशासनिक हलचल बढ़ा दी है। स्थानीय प्रशासन ने किसानों से बातचीत की कोशिश की है, लेकिन किसान अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं। भाकियू नेताओं का कहना है कि यह आंदोलन केवल किसानों के हितों की रक्षा के लिए नहीं बल्कि कृषि व्यवस्था में पारदर्शिता लाने के लिए भी है।

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