पंजाब सरकार ने पीएसपीसीएल निदेशक हरजीत सिंह को पद से हटाया, ईंधन लागत में गड़बड़ी और धन के दुरुपयोग के आरोप
पंजाब सरकार ने पीएसपीसीएल निदेशक हरजीत सिंह को पद से हटाया, ईंधन लागत में गड़बड़ी और धन के दुरुपयोग के आरोप
चंडीगढ़। पंजाब सरकार ने मंगलवार को बड़ा कदम उठाते हुए पंजाब स्टेट पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (PSPCL) के निदेशक (विद्युत उत्पादन) हरजीत सिंह को तत्काल प्रभाव से पद से हटा दिया। सरकार ने यह कार्रवाई राज्य के सरकारी थर्मल पावर प्लांटों में ईंधन लागत में कथित हेरफेर और धन के दुरुपयोग के आरोपों के आधार पर की है।
आधिकारिक आदेश के अनुसार, पावर विभाग के प्रशासनिक सचिव और पीएसपीसीएल के चेयरमैन-cum-मैनेजिंग डायरेक्टर बसंत गर्ग ने यह निर्णय जारी किया। जांच में पाया गया कि राज्य के थर्मल पावर प्लांटों—रूपनगर स्थित गुरु गोबिंद सिंह सुपर थर्मल प्लांट और गोइंदवाल साहिब स्थित श्री गुरु अमरदास थर्मल प्लांट—में ईंधन लागत निजी संयंत्रों की तुलना में प्रति यूनिट 0.75 पैसे से 1.25 रुपये तक अधिक पाई गई। इससे निगम को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ।
गौरतलब है कि पीएसपीसीएल के पास झारखंड के पकरी-बरवाडीह क्षेत्र में अपनी कोयला खदान है, इसके बावजूद सरकारी संयंत्रों में ईंधन लागत निजी संयंत्रों से अधिक पाई गई। सरकार का मानना है कि यह स्थिति स्पष्ट रूप से गंभीर वित्तीय गड़बड़ी और कुप्रबंधन की ओर इशारा करती है।
इससे पहले, 2 नवंबर को ही रूपनगर और गोइंदवाल साहिब थर्मल प्लांटों के मुख्य अभियंता हरीश शर्मा को भी निलंबित किया गया था। उन पर भी ईंधन लागत में अनियमितताओं की अनुमति देने का आरोप है।
पंजाब सरकार ने कहा है कि बिजली निगम में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे। अधिकारियों का कहना है कि आने वाले दिनों में और भी जांच की जाएगी और यदि अन्य जिम्मेदार अधिकारी पाए जाते हैं तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
इस कार्रवाई ने राज्य की राजनीति और ऊर्जा क्षेत्र में हलचल मचा दी है। विपक्षी दलों ने इसे सरकार की विफलता करार दिया है, जबकि सरकार का कहना है कि यह कदम जनहित और वित्तीय अनुशासन को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है।
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