क्लाउडफ्लेयर (Cloudflare) के सीईओ मैथ्यू प्रिंस ने स्पष्ट किया है कि हाल ही में हुई वैश्विक इंटरनेट बाधा किसी साइबर हमले के कारण नहीं, बल्कि एक आंतरिक तकनीकी त्रुटि की वजह से हुई थी
क्लाउडफ्लेयर (Cloudflare) में हाल ही में हुई वैश्विक इंटरनेट बाधा ने दुनिया भर के उपयोगकर्ताओं को प्रभावित किया। कंपनी के सीईओ मैथ्यू प्रिंस ने स्पष्ट किया कि यह घटना किसी साइबर हमले का परिणाम नहीं थी, बल्कि एक आंतरिक तकनीकी त्रुटि के कारण हुई। दरअसल, क्लाउडफ्लेयर ने अपने ClickHouse डेटाबेस क्लस्टर पर परमिशन अपडेट किया था। इस प्रक्रिया के दौरान एक गलत क्वेरी ने अपेक्षा से कहीं अधिक डेटा खींच लिया, जिससे कंपनी के Bot Management सिस्टम की “feature file” असामान्य रूप से बड़ी हो गई। यह फाइल हर पाँच मिनट में नेटवर्क पर रिफ्रेश होती है, और अचानक आकार दोगुना होने से यह सॉफ़्टवेयर की सीमा पार कर गई। नतीजतन, क्लाउडफ्लेयर का routing software बार-बार क्रैश होने लगा और इंटरनेट सेवाओं में भारी व्यवधान उत्पन्न हुआ।
इस आउटेज का असर वैश्विक स्तर पर महसूस किया गया। X (पूर्व में ट्विटर), ChatGPT, Canva, Discord, Spotify और कई अन्य लोकप्रिय वेबसाइटें घंटों तक ठप रहीं। समस्या 11:30 AM UTC (लगभग 5 बजे शाम IST) के आसपास शुरू हुई और कई घंटों तक जारी रही। इस दौरान लाखों उपयोगकर्ताओं को सेवाओं तक पहुँचने में कठिनाई हुई।
मैथ्यू प्रिंस ने इस घटना को कंपनी की “सबसे बड़ी विफलता” बताते हुए माफी मांगी और कहा कि यह अस्वीकार्य है। उन्होंने आश्वासन दिया कि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए क्लाउडफ्लेयर अपने सिस्टम ऑडिट और सुरक्षा उपायों को और मज़बूत करेगा। इस घटना ने एक बार फिर यह दिखा दिया कि इंटरनेट इन्फ्रास्ट्रक्चर कितना नाज़ुक है और एक छोटी सी तकनीकी चूक भी वैश्विक स्तर पर भारी असर डाल सकती है।
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