वरिष्ठ पंथक नेता और लेखक सरदार गुरिंदर पाल सिंह धनौला का निधन, 11 दिसंबर 2025 को रात 9 बजे अंतिम सांस ली
वरिष्ठ पंथक नेता और लेखक सरदार गुरिंदर पाल सिंह धनौला का निधन, 11 दिसंबर 2025 को रात 9 बजे अंतिम सांस ली
बरनाला, पंजाब – 12 दिसंबर 2025:
पंजाब ने अपना सच्चा पहरेदार खो दिया। वरिष्ठ पंथक नेता, लेखक और समाजसेवी सरदार गुरिंदर पाल सिंह धनौला का 11 दिसंबर 2025 को रात 9 बजे निधन हो गया। उनके निधन से पूरे पंजाब में शोक की लहर दौड़ गई है। धनौला कस्बे से जुड़े इस व्यक्तित्व ने अपना जीवन सिख अधिकारों, न्याय और समाजिक जागरूकता के लिए समर्पित किया।
धनौला जी का राजनीतिक सफर कई दशकों तक फैला रहा। वे शिरोमणि अकाली दल (अमृतसर), सरब हिंद शिरोमणि अकाली दल और बहुजन समाज पार्टी जैसे दलों से जुड़े रहे। वे SAD (Amritsar) के महासचिव रहे और 2002 में धनौला विधानसभा क्षेत्र से BSP के टिकट पर चुनाव लड़ा। इसके अलावा, 1990 के दशक में उन्होंने पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरजीत सिंह बर्नाला के विशेष कार्याधिकारी (OSD) के रूप में भी सेवाएं दीं।
राजनीति के साथ-साथ उनकी पहचान एक निर्भीक लेखक के रूप में भी रही। उनके लेख समाज की सच्चाई और सिख मूल्यों की आवाज़ बने। उन्होंने 1984 के सिख विरोधी दंगों के पीड़ितों के लिए न्याय की मांग को लगातार उठाया और पंथक संगठनों के बीच भविष्य की रणनीतियों पर महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
धनौला जी का जीवन सादगी, ईमानदारी और निडरता का प्रतीक रहा। उन्होंने कभी पद-लालच नहीं किया और सिख धर्म के सिद्धांतों को अपनी लेखनी और जीवन में उतारा। उनकी कलम केवल समाचार नहीं थी, बल्कि समाज को संगठित करने और जागरूक करने का एक सशक्त साधन थी।
उनके निधन से पंजाब ने एक सच्चा पहरेदार खो दिया है। उनकी लेखनी और विचार आने वाली पीढ़ियों के लिए मार्गदर्शक बने रहेंगे। पंजाब की आत्मा में उनका योगदान हमेशा जीवित रहेगा।

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