तमिलनाडु में मंदिरों में दीपक जलाने को लेकर शुरू हुए विवाद ने राजनीतिक रंग ले लिया है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने राज्य सरकार पर मंदिर परंपराओं की अनदेखी का आरोप लगाया था। इस पर मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने तीखा जवाब देते हुए कहा कि भाजपा राज्य सरकार पर आरोप लगाने के बजाय केंद्र सरकार की जिम्मेदारियों पर ध्यान दे। उन्होंने स्पष्ट किया कि तमिलनाडु सरकार धार्मिक परंपराओं और सांस्कृतिक धरोहरों का सम्मान करती है और किसी भी प्रकार की राजनीति से ऊपर उठकर जनता की भावनाओं का ध्यान रखती है।
स्टालिन ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि यह विवाद केवल राजनीतिक लाभ के लिए खड़ा किया गया है। उन्होंने केंद्र सरकार से आग्रह किया कि वह मंदिरों और धार्मिक संस्थानों के लिए आवश्यक संसाधन और सहयोग सुनिश्चित करे। मुख्यमंत्री ने यह भी दोहराया कि तमिलनाडु की जनता अपनी परंपराओं और धार्मिक आस्थाओं को लेकर पूरी तरह जागरूक है और किसी भी बाहरी हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है।
इस विवाद ने राज्य की राजनीति में नई बहस को जन्म दिया है, जहाँ एक ओर भाजपा इसे धार्मिक भावनाओं से जोड़ रही है, वहीं दूसरी ओर सत्तारूढ़ द्रमुक सरकार इसे केंद्र की नीतियों की ओर ध्यान आकर्षित करने का अवसर मान रही है।
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