मनरेगा को समाप्त करने की चर्चाओं पर वरिष्ठ कांग्रेस नेता एवं पूर्व चेयरमैन भगवंत सिंह भांबा ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि मनरेगा को खत्म करना देश के करोड़ों परिवारों से रोज़ी-रोटी की गारंटी छीनने जैसा है। भांबा ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार की तथाकथित "रोज़गार गारंटी योजना" में वास्तव में किसी भी प्रकार की रोजगार की गारंटी नहीं है।
उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत न केवल रोजगार का भरोसा समाप्त कर दिया गया है, बल्कि करोड़ों लोगों से अपने रोजगार के लिए कानूनी लड़ाई लड़ने का अधिकार भी छीन लिया गया है। भांबा ने इसे आम जनता के साथ अन्याय बताते हुए कहा कि मनरेगा जैसी योजनाएं ग्रामीण भारत के लिए जीवनरेखा रही हैं, जिसने कठिन समय में गरीब परिवारों को सहारा दिया।
कांग्रेस नेता ने स्पष्ट किया कि भाजपा सरकार की नीतियां आम जनता को असुरक्षा और बेरोजगारी की ओर धकेल रही हैं। उन्होंने मांग की कि मनरेगा जैसी योजनाओं को और मज़बूत किया जाए ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार का संकट न बढ़े। भांबा ने कहा कि यह केवल एक योजना नहीं, बल्कि करोड़ों परिवारों की आजीविका और सम्मान से जुड़ा मुद्दा है।

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