विश्व स्तर पर इंटरनेट सेवाओं में बड़ी बाधा उत्पन्न हुई जब क्लाउडफ्लेयर (Cloudflare) की तकनीकी खराबी के कारण कई प्रमुख ट्रेडिंग प्लेटफ़ॉर्म अचानक ठप हो गए। भारत में ज़ेरोधा, ग्रो और अपस्टॉक्स जैसे लोकप्रिय ऑनलाइन ब्रोकिंग प्लेटफ़ॉर्म इस आउटेज से प्रभावित हुए, जिससे लाखों निवेशकों को ट्रेडिंग और लेन-देन में कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। उपयोगकर्ताओं ने शिकायत की कि वे अपने खातों में लॉगिन नहीं कर पा रहे थे और ऑर्डर निष्पादित करने में असमर्थ थे।
क्लाउडफ्लेयर ने बाद में तकनीकी समस्या को ठीक कर सेवाओं को बहाल कर दिया। कंपनी ने बताया कि यह एक अस्थायी नेटवर्क गड़बड़ी थी, जिसे तुरंत सुधारने के लिए इंजीनियरिंग टीम ने काम किया। सेवाओं के पुनः चालू होने के बाद प्लेटफ़ॉर्म सामान्य रूप से कार्य करने लगे।
इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि वैश्विक स्तर पर इंटरनेट इंफ्रास्ट्रक्चर पर अत्यधिक निर्भरता कितनी जोखिमपूर्ण हो सकती है। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे आउटेज से न केवल वित्तीय लेन-देन प्रभावित होते हैं, बल्कि निवेशकों का भरोसा भी डगमगाता है।
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