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Showing posts from January, 2019

सिख कोम के मसलो में भाजपा की दखल अंदाज़ी हर एक सिख के बर्दाश्त से बाहर - भगवंत सिंह भंबा

लोकतांत्रिक जनता दल के वरिष्ट नेता एवं हरियाणा किसान मोर्चा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष भगवंत  सिंह भाम्बा ने कहा कि भाजपा देश में हर एक जगह अपना कब्ज़ा कर लेना चाहती है , सांविधानिक संस्थाओ के बाद अब उसकी नज़र गुरुद्वारा साहिबान की वर्किंग कमेटीयो पर है! उनहोने कहा तभी भाजपा अपने साशित प्रदेश महाराष्ट्र में स्तिथि गुरुद्वारा हजूर साहिब ,नान्देड़ की कमेटी पर अपना परधान ज़ोर जबरदस्ती से बना रही है, जो की दुनिया के हर एक सिख के बर्दाश्त से बाहर है! उनका कहना था की यह समय फैसला लेने का है ,ओर पूरा ज़ोर लगाकर भाजपा को सत्ता से खदेड़ने का है! देश में बेरोज़गारी पिछले ४५ वर्षो में आज सबसे ज़ादा है, और वयापार की हालत ज़ी मीडिया का हाल देख कर समझी जा सकती है! जीन्द इलेक्शन के परिणाम पर   उनहोने कहा   की आधे से ज़ादा EVM  के नंबर मैच नहीं हो रहे थे जीससे साफ़ पता चलता है की भाजपा ने यह चुनाव अपनी हवा बनाने के लिए सभी तरह के हथकंडो का इस्तिमाल करके जीता है ! उनका कहना था की अब लोकसभा के साथ साथ विधानसभा चुनाव भी हो सकते है ओर प्रदेश की जनता भी , भाजपा का इलाज करने के लिए तैयार बैठी है! उकत बातें उन्

सपना वही दिखाओ जो पूरा हो : नितिन गडकरी

 महाराष्ट्र के नागपुर में एक कार्यक्रम के केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने दौरान नेताओं को लेकर ऐसी टिप्पणी की, जो काफी चर्चित हो रही है। उन्होंने कहा कि जनता को सब्जबाग दिखाने वाले नेता अच्छे लगते हैं लेकिन सपने पूरे नहीं हुए तो जनता पिटाई भी करती है।  गडकरी ने कहा, 'सपने दिखाने वाले नेता लोगों को अच्छे लगते हैं, पर  दिखाए हुए सपने अगर पूरे नहीं किए तो जनता उनकी पिटाई भी करती है। इसलिए सपने वही दिखाएं जो पूरे कर सकें.... मैं सपने दिखाने वाले में से नहीं हूं। मैं जो बोलता हूं वो 100 प्रतिशत डंके की चोट पर पूरा होता है।'नितिन गडकरी अपने बेबाक बयानों की वजह से चर्चाओं में रहते हैं। कुछ दिन पहले तो उन्होंने अपने बयान से ऐसे संकेत दिए कि बीजेपी ने 2014 में जानबूझकर झूठे चुनावी वादे किए थे। तब गडकरी ने कहा, 'हमें पूरा भरोसा था कि हम कभी भी सत्ता में नहीं आएंगे, इसलिए हमें लंबे-चौड़े वादे करने की सलाह मिली थी।...अब जब हम सत्ता में हैं तो लोग हमें उन वादों की याद दिलाते हैं, जिन्हें हमने किया था। हालांकि, इन दिनों हम सिर्फ हंस देते हैं और आगे बढ़ जाते हैं।'

सुभाष चंद्रा ने कर्जदाताओं से माफी मांगी ,ZEE Network की हिस्सेदारी बेचकर कर्जदाताओं को पैसा चुकाने का भरोसा दिया

नई दिल्ली। एस्सेल ग्रुप के चेयरमैन सुभाष चंद्रा का साम्राज्‍य दरकता दिखाई दे रहा है। बुनियादी ढांचे में निवेश और वीडियोकॉन D2H कारोबार खरीदने के फैसले की वजह से सुभाष चंद्रा की कंपनी कर्ज के बोझ और वित्तीय संकट में घिर गई है। सुभाष चंद्रा ने Z Network की हिस्सेदारी बेचकर कर्जदाताओं को पैसा चुकाने का भरोसा दिया है। एस्सेल समूह के जी एंटरटेनमेंट, डिश टीवी और एस्सेल प्रोपैक के शेयरों में भारी गिरावट के बाद जो तथ्य सामने आए हैं, वे काफी चौंकाने वाले हैं। समूह के चेयरमैन सुभाष चंद्रा ने खुद इसकी पुष्टि करते अपनी गलतियों के लिए माफी मांगी है। उन्होंने इसके लिए बुनियादी ढांचा क्षेत्र पर आक्रामक तरीके से दांव लगाने और वीडियोकॉन का D2H कारोबार खरीदने के निर्णय को जिम्मेदार बताया। उन्होंने कर्जदाताओं से खेद जताते हुए कहा कि कुछ नकारात्मक ताकतें उन्हें जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज की हिस्सेदारी की बिक्री के जरिए पूंजी जुटाने के प्रयासों से रोक रही हैं। चंद्रा ने यह तथ्य ऐसे समय स्वीकार किया है, जबकि जी का शेयर शुक्रवार को 26.43 प्रतिशत टूटकर 319.35 रुपये पर आ गया। वहीं समूह की अन्य कंपनी डिश ट

जींद का उपचुनाव उम्मीदवारों से ज्यादा पार्टियां चुनाव लड़ रही हैं।

जींद का उपचुनाव बेहद रोचक हो गया है। प्रतिष्ठा का सवाल बने इस चुनाव पर पूरे प्रदेश की निगाहें टिकी हैं। उम्मीदवारों से ज्यादा पार्टियां चुनाव लड़ रही हैं। हालत ये है कि प्रचार के लिए समर्थक हरियाणा के साथ-साथ दूसरे राज्यों से भी इम्पोर्ट किए गए हैं। कांग्रेस का प्रचार करने के लिए हरियाणा ही नहीं, हिमाचल, पंजाब और तमिलनाडु से लोग पहुंचे हुए हैं। कुंदन सिनेमा में बनाया गया कांग्रेस दफ्तर सुबह 9 बजे और शाम को 6 बजे के बाद पूरी तरह भर जाता है। दूसरे राज्यों से आए समर्थक सुबह से शाम तक प्रचार अभियान चलाए हुए हैं। कुंदन सिनेमा में जुटे समर्थकों के बीच जब एक कांग्रेस नेता से पूछा गया कि उपचुनाव के लिए दूसरे राज्यों के समर्थकों की क्या जरूरत थी? तो उनका जवाब था कि उनके नेता रणदीप सुरजेवाला राष्ट्रीय स्तर के नेता है, इस वजह से दूसरे राज्यों से लोग प्रचार के लिए आए हुए हैं। शहर में आम लोगों से चर्चा की गई तो उनका कहना था कि रणदीप के लिए तो जींद से कम कैथल से ज्यादा समर्थक प्रचार के लिए आए हुए हैं। 

लोकतांत्रिक जनता दल के राष्ट्रीय संरक्षक "लोकपुरुष श्री शरद यादव" कर्पूरी जयंती के अवसर पर कर्पूरी चौक (मधेपुरा) पर उनकी प्रतिमा का अनावरण किया

लोकतांत्रिक जनता दल के राष्ट्रीय संरक्षक "लोकपुरुष श्री शरद यादव" कर्पूरी जयंती के अवसर पर कर्पूरी चौक (मधेपुरा) पर उनकी प्रतिमा का अनावरण किया । साथ ही अनावरण के पश्चात् सभा में जननायक के राजनीतिक मूल्यों को विस्तार से कार्यकर्ताओं के बीच साझा किया। राजनीतिक जीवन में ईमानदारी संवैधानिक संस्थाओं की रीढ की हड्डी है। आज प्रधान अपने आप को बचाने के लिये देश के शिर्षस्थ संस्थाओं की सारी स्वायत्तता, देश के प्रति उसकी निष्ठा एवं विश्वसनीयता को नजरअंदाज कर राष्ट्र को कमजोर किया जा रहा है। व्यक्ति राष्ट्र से बड़ा नहीं हो सकता, पर समकालीन निजाम अपने आप को राष्ट्र से ऊपर समझ सत्ता के नशे में मदमस्त है। ऐसी परिस्थितियों में जननायक हमेशा याद किये जाते रहेंगे, जब अपनी ईमानदारी से सूबे में कानून का राज बनाये रखने में सफल रहे थे।

गुलाम नबी आजाद बने हरियाणा कांग्रेस प्रभारी

लंबे समय से बगैर प्रभारी के चल रही हरियाणा कांग्रेस को प्रभारी मिल गया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद को हरियाणा कांग्रेस की कमान सौंपी गई है। गुलाम नबी हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नजदीकियों में गिने जाते हैं। पहले शकील अहमद हरियाणा कांग्रेस के प्रभारी थे। इसके बाद कमलनाथ को यहां का प्रभार मिला, लेकिन गुटों में बंटी कांग्रेस एक न हो सकी। तीन राज्यों में हुई जीत के बाद हरियाणा से कांग्रेस आलाकमान को सबसे ज्यादा उम्मीदें हैं। ऐसे में कांग्रेस की अंदरूनी कलह कहीं हार का कारण न बन जाए। इस बात पर हरियाणा कांग्रेस के कई बड़े नेता राहुल गांधी को चेता भी चुके हैं। अब बहुत सूझबूझ के बाद गुलाम नबी को हरियाणा की कमान दी गई है। माना जा रहा है कि गुलाम नबी के हरियाणा प्रभारी बनने के बाद कांग्रेस छोड़ कर गए कुछ बड़े कांग्रेसी नेता भी पार्टी में वापस आ सकते हैं। नए प्रभारी के बाद फेरबदल संभव!हरियाणा में लोकसभा चुनाव सिर पर है, लेकिन संगठन नहीं है। जिला और ब्लाक स्तर पर संगठन की जिम्मेदारी तय होना आवश्यक है। ऐसे में संगठन में बदलाव की चर्चाएं तेज हो गई हैं। संभ

भाजपा के लोग संविधान को नष्ट करने में तुले हुए हैं . पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव

कोडरमा, जेएनएन। 2014 के चुनाव के पूर्व प्रतिवर्ष दो करोड़ लोगों को रोजगार देने, गंगा की सफाई करने, काला धन वापस लाने, भ्रष्टाचार मिटाने के किए गए सारे वादे धरे रह गए। पिछले पांच वर्षों में देश में अचानक गायें वीआईपी हो गईं और इंसान बेचारा। इंसान के जान की कीमत गाय के आगे कुछ भी नहीं रही। रोजगार, किसानों के कल्याण, देश के विकास से बड़ा मुद्दा मंदिर-मस्जिद हो गया। उक्त बातें पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव ने मंगलवार को झुमरीतिलैया के ब्लॉक मैदान में झारखंड विकास मोर्चा द्वारा आयोजित एक महती जनसभा सह पार्टी के कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि भारत का का संविधान एक ऐसी किताब है, जिसमें देश के सभी वर्गों, सभी संप्रदायों, अमीर, गरीब, किसान मजदूर सबका कल्याण निहित है। लेकिन भाजपा के लोग इसी संविधान को नष्ट करने में तुले हुए हैं। लोकतंत्र को खत्म कर देना चाहते हैं। यदि 2019 में यह लोग फिर सत्ता में आ गए, तब 2050 तक देश में चुनाव ही नहीं कराएंगे। सभा के माध्यम से उन्होंने एलान करते हुए कहा कि पूरे देश में महागठबंधन बन रहा है। इसलिए महागठबंधन में जहां जो भी उम्मी

पहली प्राथमिकता भाजपा को हराना है : शरद यादव

लोकतांत्रिक जनता दल के नेता' शरद यादव  ने  कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार को हटाने के विपक्ष के लक्ष्य को पाने के लिए सभी राज्यों में दो तरह के गठजोड़ होंगे, एक तो 'संपूर्ण एकता' और दूसरा 'संभव एकता'। यादव ने कहा कि अतीत में गठबंधन सरकार के प्रधानमंत्री का नाम आमतौर से लोकसभा चुनाव के बाद उभर कर सामने आता था और ऐसा ही आने वाले लोकसभा चुनाव के बाद होगा। शरद यादव ने कहा कि अखिल भारतीय स्तर पर विपक्ष का गठबंधन काम करता नहीं दिख रहा है, ऐसे में राज्य आधारित गठजोड़ होंगे। शरद यादव ने कहा, "संपूर्ण एकता हो सकती है और संभव एकता हो सकती है। प्रयास संपूर्ण एकता के लिए है लेकिन अगर यह संभव नहीं हुआ तो फिर संभव एकता होगी।" शरद यादव ने माना है कि कई राज्यों में विपक्षी दलों के अपने-अपने दावों के कारण पूर्ण एकता हासिल करना मुश्किल है। तीन राज्यों से लोकसभा चुनाव जीत चुके पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव ने कहा कि समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने उत्तर प्रदेश में गठबंधन करने का सही फैसला लिया है। यह भाजपा को चुनौती देने की दिशा में बड़ा कदम है।

नयी दिल्ली, 22 जनवरी (भाषा) वरिष्ठ समाजवादी नेता शरद यादव ने लोकतांत्रिक जनता दल (लोजद) के राजग से हाल ही में अलग हुये पूर्व केन्द्रीय मंत्री उपेन्द्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) में होने जा रहे विलय का खंडन किया है। यादव ने मंगलवार को इस आशय की मीडिया रिपोर्टों का खंडन करते हुये इन्हें सरासर गलत बताया। उनकी ओर से जारी बयान के अनुसार ‘‘उन मीडिया रिपोर्टों में कोई सच्चाई नहीं है जिनमें कहा गया है कि उपेंद्र कुशवाह की रालोसपा और लोजद का विलय हो रहा है।’’ यादव ने कहा ‘‘ये मनगढ़ंत कहानियां हैं, जो निहित स्वार्थ वाले लोगों द्वारा बनाई जा रही हैं जिसे मैं पूरी तरह से खारिज करता हूं। इस दिशा में कोई चर्चा भी नहीं की जा रही है।’’ उल्लेखनीय है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता वाली जदयू के राजग में शामिल होने का विरोध करने पर पार्टी से निष्कासित किये गये यादव के समर्थकों ने उनके नेतृत्व में लोजद का गठन किया था। आगामी लोकसभा चुनाव के लिये वह विपक्षी दलों के महागठबंधन की कवायद करने वाले नेताओं में शामिल हैं।

नयी दिल्ली, 22 जनवरी (भाषा) वरिष्ठ समाजवादी नेता शरद यादव ने लोकतांत्रिक जनता दल (लोजद) के राजग से हाल ही में अलग हुये पूर्व केन्द्रीय मंत्री उपेन्द्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) में होने जा रहे विलय का खंडन किया है। यादव ने मंगलवार को इस आशय की मीडिया रिपोर्टों का खंडन करते हुये इन्हें सरासर गलत बताया। उनकी ओर से जारी बयान के अनुसार ‘‘उन मीडिया रिपोर्टों में कोई सच्चाई नहीं है जिनमें कहा गया है कि उपेंद्र कुशवाह की रालोसपा और लोजद का विलय हो रहा है।’’ यादव ने कहा ‘‘ये मनगढ़ंत कहानियां हैं, जो निहित स्वार्थ वाले लोगों द्वारा बनाई जा रही हैं जिसे मैं पूरी तरह से खारिज करता हूं। इस दिशा में कोई चर्चा भी नहीं की जा रही है।’’ उल्लेखनीय है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता वाली जदयू के राजग में शामिल होने का विरोध करने पर पार्टी से निष्कासित किये गये यादव के समर्थकों ने उनके नेतृत्व में लोजद का गठन किया था। आगामी लोकसभा चुनाव के लिये वह विपक्षी दलों के महागठबंधन की कवायद करने वाले नेताओं में शामिल हैं।

प्रधान मंत्री मोदी का "बचाओ बचओ" वाला बयान उनकी घबराहट और बोखलाहट को साफ़ साफ़ दर्शाता है ।भागवंत सिंह भंबा

लोकतांत्रिक जनता दल के वरिष्ट नेता एवं हरियाणा किसान मोर्चा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष भगवंत भाम्बा ने कहा कि विपक्ष सही दिशा में काम कर रहा है इस बात की गवाही प्रधान मंत्री मोदी   की  बोखलाहट दे रही है! उनके होश उड़ गए है एक मजबूत विपक्ष को बंगाल में एक साथ एक मंच पर देख कर ताबी तो वह "बचाओ बचओ" जैसी बचकानी बातें करने लगे है! जन सैलाब को देख कर उनको अपने हाथों से दक्षिण भारत पूरी तरह से सरकता हुआ नज़र ाह रहा है ओर हिन्दू हार्ट स्टेट्स यानी उत्तरी भारत में भी अपना सफाया होता हुआ दिख रहा है! उनहोने कहा की अच्छे दिन आने में बस अब कुछ ही दिन और बचे है! देश का दुखी  किसान  , बेरोजगार युवा, छोटा वयापारी और माध्यम वर्ग मोदी जी से वादा खिलाफी का बदला लेने  के लिए तैयार बैठा है! उनका कहना था की दिल्ली की गद्दी पर सबको साथ लेकर चलने वाला कोई नेता ही बैठ सकता है येह देश सबका है यहाँ सविधान की वजय से ही सबके हक सुरक्षित है! उनका कहना था की लोकतान्त्रिक जनतादल लोकतंत्र को ही मजबूती देने के लिए बनाया गया है उकत शब्द उन्हों ने असंध के विभिन गावो में अपने साथियों को सम्बोदित करते समय

महागठबन्धन से भाजपा की घबराहट इलेक्शन से ठीक पहले उसे नए नए शगूफे छोड़ने पर मजबूर कर रही है - भगवंत सिंह भंबा

लोकतांत्रिक जनता दल के वरिष्ट नेता एवं हरियाणा किसान मोर्चा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष भगवंत भाम्बा ने कहा कि २०१४ से अबतक भाजपा द्वारा काम करने की बजाये सिर्फ और सिर्फ पार्टी का परचार किया  गया है और देश में भड़ती हुई मेहंगाई की तरफ बिलकुल भी धयान नहीं दिया गया. देश में लोकतंत्र की बजाये राजतन्त्र की तरहा फैसले लिये गये छोट व्यापारी को परेशान करने, और बड़े व्यापारी को फायदा  पहुंचाने की पालिसी लगाईं गायी किसान को इतना  परेशान अब से पहले नहीं देखा गया फासल बीमा के नाम पर किसान की जैब काटि गयी, और प्राइवेट कम्पनीज को इसका फायदा  पहुंचाने का काम किया गया देश से नौकरिया तो जैसे ग़ायब  हो गयी,  इस मोदी सरकार में युवा बेरोज़गार होकर धरने प्रदर्शन करता रहा लेकिन सरकार के कान पर जू तक नहीं रेनगी  । लेकिन अहंकार का नाश जरुर होता है ,यह हमारा इतिहास हमे बताता है, सभी विपक्षी दल किसी ना किसी तरहा सरकार को उसकी नाकामयाबी पर घेरते  रहे लेकिन सरकार बेपरवाह रहि . यही देखते हुयै सभी विपक्षी दलो ने ,एक मंच पर आहने का फैसला लिया जीस्कि क़ामयाबी गोरखपुर और फूलपुर के उपचुनाव में नज़र आयी ओर कैराना की