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हरियाणा में खाद की गंभीर कमी से संकट में किसान





 हरियाणा में इस समय खाद की गंभीर कमी ने किसानों को संकट में डाल दिया है। धान की बुवाई का समय चल रहा है, लेकिन यूरिया और डीएपी जैसे जरूरी उर्वरक कई जिलों में उपलब्ध नहीं हैं। किसान सुबह से शाम तक कतारों में खड़े रहते हैं, फिर भी उन्हें खाद नहीं मिल रही। कुछ जगहों पर तो पुलिस की मौजूदगी में खाद बांटी जा रही है, जिससे हालात और तनावपूर्ण हो गए हैं।


सरकार का कहना है कि पर्याप्त खाद मौजूद है और मांग के अनुसार वितरण किया जा रहा है। लेकिन ज़मीनी हकीकत अलग है—कई किसान रजिस्ट्रेशन के बावजूद खाद नहीं पा रहे, और कुछ दुकानदारों पर जमाखोरी और टैगिंग (बंडल में जबरन अन्य उत्पाद बेचने की कोशिश) के आरोप लगे हैं।


किसान संगठनों का कहना है कि समय से पहले बारिश के कारण बुवाई जल्दी शुरू हो गई, जिससे मांग बढ़ गई। साथ ही, ‘मेरी फसल-मेरा ब्यौरा’ पोर्टल पर पंजीकरण की अनिवार्यता ने कई किसानों को परेशान किया है।


राजनीतिक दलों ने सरकार पर खाद वितरण में विफलता का आरोप लगाया है। कांग्रेस और INLD नेताओं ने कहा कि सरकार किसानों की समस्याओं को नजरअंदाज कर रही है। कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन हुए हैं, और कुछ मामलों में अधिकारियों को बंधक बनाए जाने की खबरें भी आई हैं।


सरकार ने अब तक 1,974 निरीक्षण किए हैं, 8 एफआईआर दर्ज की हैं, और 26 डीलरों के लाइसेंस निलंबित किए हैं। फिर भी, किसानों की मांग है कि खाद की आपूर्ति सामान्य की जाए और काले बाज़ार पर सख्त कार्रवाई हो।


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