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कूनो राष्ट्रीय उद्यान से एक दुखद खबर सामने आई


कूनो राष्ट्रीय उद्यान से एक दुखद खबर सामने आई है। हाल ही में जंगल में छोड़े गए एक चीते के शावक की मात्र एक दिन बाद ही मृत्यु हो गई। वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, यह शावक कुछ समय से निगरानी में था और उसे प्राकृतिक वातावरण में स्वतंत्र रूप से जीवन जीने के लिए छोड़ा गया था। लेकिन अचानक उसकी तबीयत बिगड़ गई और चिकित्सकीय प्रयासों के बावजूद उसे बचाया नहीं जा सका।  


कूनो राष्ट्रीय उद्यान में अफ्रीकी चीता परियोजना के तहत पिछले कुछ वर्षों से कई चीते लाए गए हैं, जिनका उद्देश्य भारत में विलुप्त हो चुके चीता प्रजाति को पुनः स्थापित करना है। इस परियोजना के तहत शावकों को धीरे-धीरे जंगल में छोड़ा जाता है ताकि वे प्राकृतिक परिस्थितियों में ढल सकें। हालांकि, इस शावक की असमय मृत्यु ने वन्यजीव संरक्षण प्रयासों पर गंभीर प्रश्न खड़े कर दिए हैं।  


वन विभाग ने इस घटना की जांच शुरू कर दी है और विशेषज्ञों की टीम यह पता लगाने का प्रयास कर रही है कि शावक की मौत का वास्तविक कारण क्या था। प्रारंभिक अनुमान के अनुसार, अचानक स्वास्थ्य संबंधी जटिलताओं या पर्यावरणीय दबावों के चलते यह घटना हुई हो सकती है।  


इस घटना ने वन्यजीव प्रेमियों और संरक्षणवादियों को गहरा आघात पहुँचाया है। कूनो में चीता परियोजना भारत के लिए एक ऐतिहासिक पहल मानी जाती है, और इस तरह की घटनाएँ इसके भविष्य को लेकर चिंता बढ़ा रही हैं।  



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